Not known Facts About baglamukhi sadhna
Not known Facts About baglamukhi sadhna
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‘Ga’, the 2nd letter, implies ‘She Who grants all kinds of divine powers or siddhis and successes to human beings’. ‘La’, the 3rd letter, usually means ‘She That is the foundation of an array of sustaining powers in the world much like the earth and is Consciousness Herself’.
” ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्व दुष्टानाम वाचं मुखम पदम् स्तम्भय ।
अस्य : श्री ब्रह्मास्त्र-विद्या बगलामुख्या नारद ऋषये नम: शिरसि।
इस मंत्र का सबसे बड़े लाभों में से एक है कि यह दुख और मानसिक बीमारियों से राहत प्रदान करता है। जैसे-जैसे आप इस मंत्र का उच्चारण करते हैं, आप पाएंगे कि आपका मन हल्का हो रहा है, आप सहज और सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
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Om hlīṁ bagalāmukhi sarva duṣṭānāṁ vācaṁ mukhaṁ padaṁ stambhaya jihvāṁ kīlaya bud'dhiṁ vināśaya hlīṁ phaṭa
मां बगलामुखी यंत्र चमत्कारी सफलता तथा सभी प्रकार की उन्नति के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। कहते हैं इस यंत्र में इतनी क्षमता है कि यह भयंकर तूफान से भी टक्कर लेने में समर्थ है। माहात्म्य- सतयुग में एक समय भीषण तूफान उठा। इसके परिणामों से चिंतित हो भगवान विष्णु ने तप करने की ठानी। उन्होंने सौराष्ट्र प्रदेश में हरिद्रा नामक सरोवर के किनारे कठोर तप किया। इसी तप के फलस्वरूप सरोवर में से भगवती बगलामुखी का अवतरण हुआ। हरिद्रा यानी हल्दी होता है। अत: माँ बगलामुखी के वस्त्र एवं पूजन सामग्री सभी पीले रंग के होते हैं। बगलामुखी मंत्र के जप के लिए भी हल्दी की माला का प्रयोग होता है।
ॐ ह्रीं ऎं क्लीं श्री बगलानने मम रिपून नाशय नाशय ममैश्वर्याणि देहि देहि शीघ्रं मनोवान्छितं साधय साधय ह्रीं स्वाहा ।
योग के आठ अंग, महर्षि पतंजलि का अष्टांग योग क्या है ?
इसलिए साधना करते समय पीले रंग के वस्त्र ही पहने। इसके अलावा साधना काल मे बिना चीनी, नमक के उपवास रहे या फिर फलाहार ही करें। read more मां बगलामुखी सात्विक देवी है, इसलिए किसी भी प्रकार के मांस मदिरा का सेवन ना करें।
अर्थ - मैं देवी बगलामुखी से प्रार्थना करता हूं, जो शत्रुओं के ताकत को नष्ट कर सकती है। शक्तिशाली देवी, कृपया मेरा मार्गदर्शन करें और मुझे जीवन के प्रति स्पष्ट दृष्टिकोण दें।
That is The most effective and productive mantras of Maha vidya Bagalamukhi, which has a lot of strategies about this.
ॐ ह्ल्रीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्ल्रीं ॐ स्वाहा॥